हिंदी दिवस कब मनाया जाता है और क्यों? | Hindi Diwas Kyu Manate Hai

हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?, Hindi Diwas 2022, हिंदी दिवस क्यों मानते है?, Hindi Diwas History in Hindi के बारे में बात करे तो हमारे देश के सभी लोगो, छात्रो और आम जन को ये जरूर पता होना चाहिए Hindi Diwas Kyu Manaya Jata Hai है। 

हिंदी हमारे भारत में सबसे ज्यादा बोली और समझी जाने वाली भाषा है। अधिकतर लोग बोलने, बातचीत करने के लिए हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते है।

हिंदी भाषा हमारा मातृभाषा है हर वर्ष 14 सितंबर के दिन राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ। 

हर साल हिंदी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगो को हिंदी भाषा के बारे में बताना और जागरूक करना है। लोगो का मानना है हिंदी से ज्यादा अंग्रेजी जरुरी है और सभी काम अंग्रेजी में ही होता हैं यहॉ पर लोगो को हिंदी के प्रति जागरूक करना जरुरी है।

आपके लिए ये जानना जरुरी हो जाता है कि हिंदी दिवस क्यों मानते है? या Hindi Diwas कब और क्यों मनाया जाता है?

हिंदी दिवस कब मनाया जाता है | Hindi Diwas 2022

भारत देश में विभिन्न प्रकार के धर्म है। यहाँ पर भाषाओ में भी भिन्नता पायी जाती है। भारत में लगभग 1652 प्रकार की भाषाए बोली जाती है। 15 अगस्त 1947 में भारत देश आजाद हुआ। आजाद भारत के संविधान निर्माण में एक सबसे बड़ा मुद्दा था नए राष्ट्र के लिए राष्ट्रीय भाषा का चयन। 

भारत में अनेक भाषा बोली जाती है। लेकिन अधिकतर लोग आम बोलचाल में हिंदी भाषा का प्रयोग करते थे। उस समय सभी कार्य अंग्रेजी भाषा में ही किए जाते थे।

इसलिए बहुत सोच विचार करने के बाद 14 सितम्बर 1949 को अंग्रेजी भाषा के साथ हिंदी भाषा को भी अधकारिक तौर पर राष्ट्रभाषा के रूप में चुना लिया गया। हिंदी भाषा के महत्त्व को बताने के लिए ही 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप  मनाया जाता है। 

देश का सबसे पहला राज्य बिहार जिसने सबसे पहले हिंदी भाषा को अपने राज्य में अधकारिक तौर पर अपनाया। हमारे देश में सबसे पहले Hindi Diwas की शुरुआत 14 सितंबर 1953 से हुई।

उस समय हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे। प्रधानमंत्री नेहरू के कार्यकाल के दौरान हिंदी दिवस को मनाया जाने लगा। 

हिंदी दिवस का इतिहास (Hindi Diwas History)

एक आयोजित हिंदी साहित्य सम्मलेन में 1918 में महात्मा गाँधी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में अपनाने की बात कही थी। आज़ादी के बाद हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित करने की मांग उठने लगी थी।

भारत के संविधान सभा के द्वारा 14 सितंबर 1949 में Hindi को राजभाषा का दर्जा मिल गया। इसका उल्लेख संविधान के भाग 17 में अनुच्छेद (Article) 343 (1) में सभी बातों का उल्लेख करके बताया गया है। इसके अनुसार भारत का राष्ट्रीय राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी हैं।

हिंदी को जब राजभाषा बनाया गया था उस समय देश भर के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुआ। 14 सितंबर सन् 1953 को देश में पहली बार Hindi Diwas मनाया गया। हिंदी भाषा का विस्तार और प्रचार-प्रसार करने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।  

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हिंदी दिवस का महत्व

हिंदी दिवस हमारे देश में हर साल मनाया जाता है ताकि आने वाली पीढ़ी हिंदी भाषा के बारे में जाने। लोगो में अपनी मातृभाषा हिंदी के प्रति अधिक जागरूकता बढ़ाया जा सके। देश में लगभग 77 प्रतिशत लोग बातचीत के लिए हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते है।

हिंदी रोजगार का बहुत बड़ा माध्यम भी है जिसके जरिये लोगो को रोजगार मिलता है। हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने के लिए और लोगो को हिंदी के प्रति जागरूक करने के लिए भारत सरकार के द्वारा समय-समय पर कई तरह के कदम उठाये जाते है।

स्कूल व कॉलेज में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में कई प्रकार के कार्यकर्मो और प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। ताकि स्टूडेंट्स हिंदी भाषा के महत्व को समझे और हिंदी के प्रचार प्रसार में अपना योगदान दे। ऐसे कार्यकर्मो का आयोजन करने का उद्देश्य छात्रों को हिंदी के महत्व को समझाना है।

हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है

भारत के अधिकतर राज्य में हिंदी भाषा काफी प्रचलित है। आमतौर पर ज्यादातर लोग बातचीत के लिए हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते है।

देश के कई राज्यों में अलग-अलग राजकीय भाषा बोली जाती है जैसे पंजाबी, कन्नड़ , बंगाली , मराठी ,गुजरती आदि बोली जाती है लेकिन यहाँ पर भी लोग बोलचाल के लिए हिंदी भाषा का प्रयोग करते है। हिंदी भाषा का प्रयोग केवल भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशो में भी होता है।

विश्व भर में अलग-अलग बोली जाने वाली भाषा में हिंदी तीसरे नंबर पर है जिसका सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। लेकिन अंग्रेजी (English) के बढ़ते प्रभाव के कारण हमारी मातृभाषा हिंदी विलुप्त होती जा रही है।

विलुप्त होती हिंदी भाषा को बचाने के लिए हर वर्ष 14 सितम्बर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी को बचाना कड़ा संघर्ष करने जैसा है क्योकि लोग अंग्रेजी को आज के समय में अधिक महत्त्व देते है। लोगो को लगता है कि अंग्रेजी के बिना हमारा कोई काम नहीं हो सकता है।

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वही अगर स्कूल,कॉलेज,नौकरी और इंटरव्यू आदि की बात करे तो यहां पर अंग्रेजी को अधिक प्राथमिकता दी जाती है। कामकाज के लिए दफ्तर में भी सभी काम अंग्रेजी में किया जाता है जिसके कारण लोगो में हिंदी के प्रति लगाव कम होता जा रहा है।

आज के मौजूदा समय में हर कोई अपने बच्चे को अंग्रेजी पढ़ाने की बात करता है क्योकि इंटरव्यू अंग्रेजी में लिया जाता है। नौकरी लगने के बाद ऑफिस के ज्यादातर काम अंग्रेजी में ही करना होता है।

लेकिन हमारी असली पहचान हिंदी भाषा से है। हमारी मातृभाषा हिंदी है जो हमारे भारत देश के गौरव को बढ़ाता है। हिंदी हमारी संस्कृति की पहचान कराता है हिंदी भाषा को बढ़ाने और बनाये रखने के लिए हमें अपनी आने वाली पीढ़ियो को बताना और समझाना होगा।

अंग्रेजी भाषा को प्राथमिकता दिये जाने के कारण हिंदी भाषा की दर दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है। हमारे और आप जैसे लोगो के द्वारा ही हिंदी भाषा को आगे बढ़ाया जा सकता है सभी लोगो को मिलकर लोगो को जागरूक करके अपनी मूल भाषा हिंदी को आगे बढ़ा सकते है।

अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस कब मनाया जाता है?


हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस को अलग-अलग दिवसों पर मनाया जाता है। काफी लोग अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस और हिंदी दिवस को लेकर भ्रमित है कि दोनों दिवस सामान तिथि पर मनाया जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है दोनों दिवस अलग-अलग तिथि पर मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है इसकी शुरुवात 10 जनवरी 1975 से हुई। हिंदी भाषा को 14 सितंबर 1949 को राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ और इसी दिन 14 सितंबर को प्रत्येक वर्ष हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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